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शनिदेव जयंती 2024 शुभ महूर्त, तिथि, पूजनविधि और महादशा से बचने के उपाय

हिंदू पंचांग के मुताबिक जाने कब है शनि देव जयंती 2024 DIGITAL GWALIOR NEWS IN HINDI

हिंदू पंचांग के मुताबिक जाने कब है शनि देव जयंती 2024


शनि देव जयंती की तिथि और शुभ मुहूर्त


शनि देव जयंती ज्येष्ट माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है इस दिन भगवान शनिदेव का जन्म हुआ था इस वर्ष 2024 में शनि देव जयंती ज्येष्ट माह की 6 तारीख को है
शनिदेव जयंती ज्येष्ट माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है इस तिथि को शनि देव का जन्म हुआ था इस दिन शनि देव महाराज की पूजा अर्चना करना हिन्दू रीतिरिवाज़ का मुताबिक काफी शुभ माना जाता है जिस व्यक्ति पर शनि देव की महादशा चल रही हो उसे शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि जयंती पर शनि देव की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए इस दिन शनि देव की पूजा अर्चना करने से शनि देव की विशेष कृपा की प्राप्ति होती है

क्या होती है शनि की महादशा


शनि देव भगवान सूर्य देव के पुत्र हैं भगवान सूर्यदेव ने दक्ष नामक राजा की कन्या संज्ञा से विवाह किया था जिससे उनको तीन पुत्रों की प्राप्ति हुई थी सूर्य देव का तेज अधिक होता है जिससे बचने के लिए देवी संज्ञा ने अपनी छाया उत्पन्न की जिससे शनिदेव की उत्पत्ती हुई
सूर्य देव छाया को अपना पत्नी नहीं मानते हैं जिसके कारण वह शनिदेव को भी अपनी पुत्र के रूप में स्वीकारते नहीं
इन्ही सभी कारण से शनि देव रूष्ट होकर बल की प्राप्ति के लिए भगवन की शिव जी की प्रार्थना करने के लिए तापयस्या करने लगे
शनिदेव द्वारा कठोर तप करने से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने शनि देव को वर मांगने के लिए कहा शनि देव ने वर में सबसे ज्यादा ताकतवर होने का वर माँगा
जिस पर भगवान शिव ने शनि को नवग्रह में से सर्वश्रेष्ठ ग्रह होने और न्याय के राजा होने का वर दिया
जिससे हम आज शनिदेव को न्याय के राजा के रूप में मानते है
इसके साथ ही यदि किसी पर शनिदेव की कुद्रष्टि पड़ती है तो उसका समय बदल जाता है शनिदेव की कुद्रष्टि ढईया, साढेसाथि, और 14 वर्ष, 19 वर्ष की महादशा चलती है यदि शनिदेव अपनी कुद्रष्टि किसी के ऊपर दाल दे तो उसके सारे कार्य विफल होने लगते है व्यक्ति किसी भी कार्य को करता है तो उसको असफलता ही हाथ लगती है

यदि आपके ऊपर शनिदेव की महादशा चल रही है तो शनिदेव जयंती के दिन करे ये उपाय


शनि देव जयंती के प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में जाकर स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर मंदिर में सरसों के तेल का दिया जलाना चाहिए यदि आपके घर के पास कोई शनिदेव का मंदिर है तो आप उधर जाकर पूजा अर्चना कर सकते है
यदि आपके घर के आसपास कोई शनिदेव का मंदिर नहीं है तो आप अपने घर पर ही पूजा अर्चना कर सकते हैं सबसे पहले आपको सरसों के तेल का दीपक प्रजवलित करना है
इसके पश्चात आप शनि देव का पूजन कर चालीसा और शनि देव मंत्र का भी जप करना चाहिए
शनि देव मंत्र का जाप करना काफी लाभदायक होता है
शनिदेव मंत्र
ॐ शं शनैश्चराय नमः
इस दिन व्रत भी रखना चाहिए
और वस्त्र फल अन्न आदि का दान करना चाहिए।

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