खुशखबरी: मध्यप्रदेश में बनेंगे 10 लाख प्रधानमंत्री शहरी आवास, जारी रहेगी ढाई लाख की सब्सिडी
भोपाल: राज्य सरकार ने प्रदेश में झुग्गी मुक्त शहरों की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए अगले पांच वर्षों में 10 लाख प्रधानमंत्री शहरी आवास उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 को मंजूरी दी गई। इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
कैबिनेट के अन्य महत्वपूर्ण फैसले
-
निजी डेवलपर से आवास खरीदने वाले हितग्राहियों को अनुदान का वाउचर मिलेगा।
-
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित अन्य बड़े शहरों को मलिन बस्ती मुक्त करने के लिए पीपीपी मॉडल पर आवास प्रदान किए जाएंगे।
-
नगरीय निकाय, राज्य की अन्य निर्माण एजेंसियां और निजी बिल्डर मिलकर आवास बनाएंगे।
-
कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, शहरी प्रवासियों, बेघरों और छात्रों के लिए किराए पर आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
-
स्वयं की भूमि पर आवास निर्माण के लिए ढाई लाख रुपये की सब्सिडी जारी रहेगी।
-
केवल रेरा से पंजीकृत बिल्डरों को इस योजना का हिस्सा बनाया जाएगा।
योजना के पात्रता मानदंड
-
अविवाहित कमाऊ वयस्क अब योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। परिवार में केवल पति, पत्नी और अविवाहित बेटा-बेटी शामिल होंगे।
-
20 वर्षों में किसी भी आवासीय योजना का लाभ लेने वाले व्यक्ति अपात्र माने जाएंगे।
-
सफाई कर्मियों, पीएम स्वनिधि और पीएम विश्वकर्मा योजना के हितग्राहियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मलिन बस्तियों में रहने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
-
हितग्राही पांच वर्षों तक आवास बेच या स्थानांतरित नहीं कर सकेंगे।
योजना का लाभ कैसे मिलेगा?
-
स्वयं की भूमि पर आवास बनाने वाले को 2.5 लाख रुपये की सब्सिडी मिलेगी, जिसमें 1.5 लाख रुपये केंद्र सरकार और 1 लाख रुपये राज्य सरकार देगी।
-
रेरा से पंजीकृत बिल्डर से आवास खरीदने पर अनुदान का वाउचर मिलेगा।
-
इंदौर की हुकुमचंद मिल की भूमि पर हाउसिंग बोर्ड बड़ी आवासीय परियोजना लाएगा।
-
इस परियोजना का अनुमोदन किया गया है और लागत निकालने के बाद इसका लाभ आधा-आधा इंदौर नगर निगम और हाउसिंग बोर्ड को मिलेगा।
हुकुमचंद मिल की भूमि पर टाउनशिप बनेगी
-
हुकुमचंद मिल की 17.52 हेक्टेयर भूमि पर टाउनशिप बनाई जाएगी।
-
40% भूमि पर आवासीय और 60% भूमि पर वाणिज्यिक निर्माण होगा।
-
परियोजना में 5,100 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
-
436 करोड़ रुपये की देनदारी चुकाने के बाद परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा।
-
इस परियोजना से सरकार को 400 करोड़ रुपये जीएसटी, 600 करोड़ रुपये विक्रय कर, और 1,200 करोड़ रुपये स्टाम्प ड्यूटी से राजस्व मिलेगा।
पशु चिकित्सा विज्ञान के विद्यार्थियों को बढ़ी हुई छात्रवृत्ति
-
जबलपुर, महू और रीवा के पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों के स्नातक छात्रों को अब 10,000 रुपये छात्रवृत्ति मिलेगी।
-
पहले यह राशि 7,600 रुपये थी, जिसमें से 3,000 रुपये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और 4,600 रुपये राज्य सरकार देती थी।
-
अब राज्य सरकार का अंश बढ़ाकर 7,000 रुपये कर दिया गया है।
प्रदेश सरकार के इन फैसलों से न केवल आवासहीनों को स्थायी आवास मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।