सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह: तीन साल में 1102 महिलाएं हुईं पीड़ित, फ्री वैक्सीनेशन ड्राइव की मांग
ग्वालियर। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (बच्चेदानी के मुख का कैंसर) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जयारोग्य चिकित्सालय के कैंसर विभाग और कैंसर हॉस्पिटल एवं शोध संस्थान के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में 1102 महिलाएं इस गंभीर बीमारी की चपेट में आई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय पर जांच और वैक्सीनेशन कराया जाए, तो इस बीमारी को रोका जा सकता है।
महिलाओं में बढ़ रहा खतरा
विशेषज्ञों के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) संक्रमण है, जो असुरक्षित जीवनशैली और जागरूकता की कमी के कारण तेजी से फैल रहा है। कैंसर विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि यदि नियमित जांच कराई जाए और शुरुआती चरण में इसका पता चल जाए, तो इलाज संभव है।
फ्री वैक्सीनेशन ड्राइव की मांग
स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों ने मध्य प्रदेश सरकार से मांग की है कि सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए राज्य में फ्री वैक्सीनेशन ड्राइव चलाई जाए। कई विकसित देशों में यह वैक्सीन सरकारी योजनाओं के तहत मुफ्त उपलब्ध कराई जाती है, जिससे महिलाओं में इस बीमारी के प्रसार को कम किया जा सकता है।
समय पर जांच और रोकथाम के उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगवानी चाहिए, जिससे उन्हें इस बीमारी से बचाया जा सके। साथ ही, 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को नियमित रूप से पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए।
सरकार की क्या है योजना?
मध्य प्रदेश सरकार इस गंभीर समस्या को देखते हुए जल्द ही निःशुल्क टीकाकरण अभियान चलाने की योजना बना सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के लिए बजट और संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है।
सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के तहत विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने अपील की है कि महिलाएं समय-समय पर अपनी जांच कराएं और इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें।
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