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ग्वालियर में जानवरों का आतंक: सियार और बंदरों के हमले से दहशत

ग्वालियर और चंबल संभाग में जानवरों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे स्थानीय निवासियों के बीच दहशत का माहौल बन गया है। ताजा घटनाओं में, सियार और बंदरों के हमलों ने इंसानों को घायल कर दिया, जिससे प्रशासन और जनता की चिंताएं बढ़ गई हैं।

सियार का हमला: मां गंभीर रूप से घायल ग्वालियर के हजीरा क्षेत्र में एक सियार ने एक महिला पर हमला कर दिया, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गई। स्थानीय निवासियों के अनुसार, सियार अचानक प्रकट हुआ और महिला पर झपट पड़ा। घटना के बाद महिला को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। इस घटना ने क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है।

कोचिंग में बंदर का हमला: बच्चा घायल बिरला नगर में स्थित एक कोचिंग सेंटर में बंदर घुस गया और वहां पढ़ाई कर रहे एक बच्चे को काट लिया। बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है। कोचिंग सेंटर के संचालक ने बताया कि बंदर अचानक कमरे में घुस आया और बच्चों को परेशान करने लगा। इस घटना से अन्य बच्चों और उनके माता-पिता में भय का माहौल है।

शहर में डॉग बाइट के मामले भी बढ़ रहे हैं इसके अलावा, शहर में कुत्तों के काटने की घटनाएं भी रोजाना बढ़ रही हैं। कई क्षेत्रों में आवारा कुत्तों का आतंक है, जिससे लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर महसूस कर रहे हैं।

प्रशासन की चुप्पी पर सवाल इन घटनाओं ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि प्रशासन इस बढ़ते खतरे को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने में विफल रहा है।

सुरक्षा के उपाय जरूरी विशेषज्ञों का मानना है कि इन घटनाओं से बचने के लिए वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को मिलकर काम करना होगा। जानवरों के व्यवहार को नियंत्रित करने और उन्हें सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने के लिए व्यापक योजना की आवश्यकता है। साथ ही, लोगों को भी सतर्क रहने और जानवरों से उचित दूरी बनाए रखने की सलाह दी जा रही है।

ग्वालियर में जानवरों के हमले की ये घटनाएं एक गंभीर समस्या बन गई हैं। अब यह प्रशासन और नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे इस चुनौती का समाधान निकालें और शहर को सुरक्षित बनाएं।