15 वर्षीय बेटे ने पिता की हत्या कर आत्महत्या का नाटक रचा / हाईकोर्ट में अंबेडकर प्रतिमा विवाद पर जातीय तनाव, सोशल मीडिया यूजर्स पर कार्रवाई।
15 वर्षीय बेटे ने पिता की हत्या कर आत्महत्या का नाटक रचा / हाईकोर्ट में अंबेडकर प्रतिमा विवाद पर जातीय तनाव, सोशल मीडिया यूजर्स पर कार्रवाई।
ग्वालियर : 15 वर्षीय बेटे ने पिता की गोली मारकर हत्या की, आत्महत्या का रचा नाटक; पुलिस ने किया चौंकाने वाला खुलासा
मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के डबरा तहसील स्थित बड़ी अकबई गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 1 मई 2025 को 15 वर्षीय लवकुश बघेल ने अपने पिता प्राण सिंह बघेल उर्फ बंटी भैया की लाइसेंसी 12 बोर बंदूक से सीने में तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद बेटे ने इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की और पुलिस को सूचना दी कि उसके पिता ने खुद को गोली मार ली
शुरुआती जांच में पुलिस ने इसे आत्महत्या का मामला माना और शव का पोस्टमॉर्टम करवाया गया। हालांकि, 10 मई को आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि मृतक के सीने में तीन गोलियां मारी गई थीं, जो आत्महत्या के दावे को खारिज करती हैं। इसके बाद पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू की और परिवार के सदस्यों से पूछताछ की।
पूछताछ में लवकुश ने स्वीकार किया कि उसके पिता शराब के नशे में अक्सर मां के साथ मारपीट करते थे। घटना वाले दिन भी पिता ने मां के साथ हिंसा की, जिसके बाद लवकुश ने हस्तक्षेप किया। इस दौरान पिता ने बंदूक उठा ली, जिससे दोनों के बीच संघर्ष हुआ और पहली गोली चल गई। इसके बाद गुस्से और डर के कारण लवकुश ने दो और गोलियां चलाईं, जिससे पिता की मौके पर ही मौत हो गई।
मां मीना बघेल ने भी बेटे के बयान की पुष्टि की और बताया कि पति के हिंसक व्यवहार से परिवार त्रस्त था। पुलिस ने आरोपी बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
ग्वालियर हाईकोर्ट में अंबेडकर प्रतिमा विवाद: जातिगत तनाव और सोशल मीडिया पर कार्रवाई
ग्वालियर स्थित मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की खंडपीठ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। यह विवाद अब जातिगत तनाव में तब्दील हो गया है, जिसके चलते पुलिस ने छह सोशल मीडिया हैंडलर्स को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
अंबेडकर प्रतिमा की स्थापना को लेकर वकीलों के दो गुटों में मतभेद उत्पन्न हो गए हैं। एक पक्ष प्रतिमा स्थापना का समर्थन कर रहा है, जबकि दूसरा पक्ष इसका विरोध कर रहा है। विरोध करने वाले वकीलों का आरोप है कि प्रतिमा स्थापना के लिए जुटाई गई धनराशि आपराधिक तत्वों से ली गई है, जिससे विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई है। इस विवाद के चलते कोर्ट परिसर में तनाव की स्थिति बनी हुई है।
विवाद के दौरान सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट्स और टिप्पणियों के चलते ग्वालियर पुलिस ने छह सोशल मीडिया हैंडलर्स को नोटिस जारी किए हैं। इनसे उनके पोस्ट्स के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों और भड़काऊ सामग्री के कारण जातिगत तनाव बढ़ रहा है, जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
विवाद की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने ग्वालियर बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को 19 मई को जबलपुर में चर्चा के लिए बुलाया है। चीफ जस्टिस ने स्पष्ट किया है कि बिना सामूहिक सहमति के प्रतिमा नहीं लगाई जाएगी।
यह स्थिति दर्शाती है कि न्यायालय परिसर में भी सामाजिक और जातिगत मुद्दे किस प्रकार से तनाव का कारण बन सकते हैं। प्रशासन और न्यायपालिका को मिलकर इस विवाद का समाधान निकालना होगा ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे और सामाजिक सौहार्द्र प्रभावित न हो।