वट सावित्री व्रत कथा 2024 IN HINDI - 6 जून को है वट सावित्री व्रत शुभ महूर्त, पूजनविधि
जाने कब है वट सावित्री व्रत 2024 और शुभ महूर्त पूजनविधि कथा और उपाय
वट सावित्री व्रत
वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है इस वर्ष 2024 में वट सावित्री व्रत 6 जून दिन गुरुवार को मनाया जाएगा वट सावित्री व्रत सुहागन स्त्री अपने पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं यह व्रत निर्जला रखने की परंपरा रही है यह व्रत कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं जिससे उनको मनचाहे वर की प्राप्ति होती है ज्योतिष आचार्य के अनुसार यह व्रत स्त्रियों के सुहाग को अखंड रखने के लिए रखा जाता है
वट सावित्री व्रत का शुभ महूर्त
वट सावित्री व्रत 6 जून को मनाया जाएगा इसका शुभ मुहूर्त 6 जून की प्रातः काल 5:35 से 7:15 तक और 11:51 मिनट से 12:45 तक और शाम 5:30 तक रहेगा
वट सावित्री व्रत की सम्पूर्ण कथा
कई समय पहले एक राज्य में अश्वपति नामक राजा रहा करते थे जिनकी कोई भी संतान नहीं थी संतान प्राप्ति के लिए उन्होने कई यज्ञ किये और देवी को प्रसन्न किया देवी ने प्रसन्न होकर मनचाहा वर मांगने के लिए अश्वपति से कहा अश्वपति ने संतान प्राप्ति का बार मांगा
कुछ समय के पश्चात उनके घर एक सुंदर कन्या ने जन्म लिया जिसका नाम सावित्री रखा गया.
सावित्री गुणवान और काफी सुंदर कन्या थी. धीरे-धीरे बड़ी होने लगी बड़ी होने लगी और उसके पिता को उसकी विवाह की चिंता होने लगी
जिसके बाद सत्यवान का विवाह सत्यवती से कर दिया सत्यवान के पिता राजा थे लेकिन उनका राज्यपाठ छिन जाने के कारण वह बहुत ही दरिद्र व्यक्ति का जीवन व्यतीत करते थे सत्यवान के माता-पिता की आंखों की रोशनी नहीं थी तथा वह जंगल से लड़कियां काटकर अपना गुजारा किया करता था विवाह के पश्चात सत्यवती भी सत्यवान के साथ जंगल में रहने लगी
ऐसे ही 1 वर्ष बीतगया एक दिन रोज की तरह सत्यवान जंगल में लकड़ी काटने गया जहाँ उसकी मृत्यु हो गई सत्यवान की मृत्यु के पश्चात यमराज के दूत सत्यवान को लेने के लिए आए तो सावित्री ने उन्हें अपने पति के प्राण ले जाने के लिए मना किया परन्तु यमराज के दूत सत्यवान के प्राण ले जाने लगे जब दूत यमलोक के द्वार पर पहुंचे तो सत्यवती भी साथ पहुंच गई यतयावती की इतनी द्रणीक्षा देख यमराज प्रसन्न होकर सत्यवती को वर मांगने को कहा
यमराज के द्वारा वर मांगने की बात सुनकर सत्यवती ने यमराज से तीन बार मांगे प्रथम उनकी माता-पिता की आंखों की रोशनी वापस आ जाए
दूसरा उनका राज्यपाठ पुनः प्राप्त हो जाए
तीसरा उनके मातापिता के सारे पुत्र जीवित हो जाए
सावित्री की ये बात सुन कर यमराज उसके द्वारा पर प्रसन्न हो कर तथा अस्तु कह कर सत्यदेव के प्राण लौटा दिए
अखंड सुहागवती के लिए करे ये उपाय
इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे कच्चा दूध अर्पित करना होगा शुभ
और करे यह मंत्र ॐ शं शनैश्चराय नमः
और करे विष्णु भगवन की पूजा
इस दिन दान भी करना चाहिए