📰 ग्वालियर न्यूज़ 14 जून 2025 की ताज़ा खबरें: ग्वालियर के आर्यन राजपूत का अहमदाबाद क्रैश में दर्दनाक निधन, ग्वालियर के 1000 बिस्तर अस्पताल में बिजली कटौती...
अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मेस में एयर इंडिया के विमान के टकराने से ग्वालियर के 21 वर्षीय मेडिकल छात्र आर्यन राजपूत की दुखद मृत्यु, ग्वालियर के एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल में शुक्रवार को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। इससे ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर और अन्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं
ग्वालियर के आर्यन राजपूत का अहमदाबाद क्रैश में दर्दनाक निधन, मेस में खाना खाते समय विमान टकराया; आज रात गांव पहुंचेगा शव
अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मेस में एयर इंडिया के विमान के टकराने से ग्वालियर के 21 वर्षीय मेडिकल छात्र आर्यन राजपूत की दुखद मृत्यु। खाना खाते समय हुआ हादसा। शव आज रात जिगसोली गांव पहुंचेगा
जिगसोली, ग्वालियर से लगभग 15 किलोमीटर दूर बसा एक छोटा-सा गांव, आज खामोशी की चादर में लिपटा है। इस शांति के पीछे छिपा है गहरा दुख और पीड़ा की सिसकियां। गांव के हर घर में मातम है, हर आंख नम और चेहरों पर उदासी की परछाई। रात गुजर चुकी है, मगर किसी की आंखों में नींद नहीं। पूरा गांव एक पेड़ की छांव में इकट्ठा है, मानो समय ठहर गया हो।
दरअसल, 21 वर्षीय आर्यन राजपूत का जीवन उस समय समाप्त हो गया, जब अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की कैंटीन में एयर इंडिया का विमान जा टकराया। आर्यन 31 मई कोको जिगसोली एक शादी में शामिल होने आया था और 2 जून को अहमदाबाद लौट गया था।
आर्यन का सपना था डॉक्टर बनना। इस ख्वाब को साकार करने के लिए उसने बीजे मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद में एमबीबीएस में दाखिला लिया था। वह मेहनती और होनहार था, लेकिन किस्मत ने ऐसा खेल खेला, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। एक पल में विमान ने सब कुछ छीन लिया।
घर का सबसे छोटा सितारा था आर्यन
पिता रामहेत ने बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए खेतों में दिन-रात मेहनत की। जब फीस के लिए पैसे कम पड़े, तो उधार लिया, लेकिन अपने बेटे के सपने को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
वह गांव का अभिमान था" - चचेरे भाई की रुंधी आवाज
आर्यन के चचेरे भाई भीकम सिंह की आंखों में आंसू थे। बात करते-करते उनकी आवाज कांप रही थी। उन्होंने कहा, "वह बचपन से कहता था कि एक दिन पापा को 'डॉक्टर का बाप' कहकर बुलाएंगे। लेकिन अब तो हमारा सूरज ही चला गया।" यह कहते हुए उनकी आवाज गम में डूब गई।
हादसे के बाद दोस्त का फोन और फिर सन्नाटा
भीकम सिंह ने बताया कि हादसे के महज दस मिनट बाद आर्यन के दोस्त का फोन आया। उसने कहा, "विमान हादसे में आर्यन बुरी तरह घायल है, जल्दी अहमदाबाद पहुंचें।" इसके बाद दोस्त का फोन बंद हो गया। दोस्त ने बताया था, "हम दोनों कैंटीन में खाना खा रहे थे। मैं किसी काम से बाहर निकला, और उसी दौरान विमान हॉस्टल से जा टकराया।।
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ग्वालियर के एक हजार बिस्तर अस्पताल में बिजली कटौती, टॉर्च की रोशनी में सर्जरी करने को मजबूर हुए डॉक्टर
ग्वालियर के एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल में शुक्रवार को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। इससे ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर और अन्य सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं। मरीजों को गर्मी में घंटों इंतजार करना पड़ा,
और कई को बिना इलाज के वापस लौटना पड़ा। अस्पताल के तीन जनरेटरों में से एक खराब था, दूसरा सीमित क्षमता के कारण केवल ओटी और आईसीयू को बिजली दे सका, जबकि तीसरा स्टैंडबाय पर रहा। प्रबंधन की लापरवाही के चलते मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ग्वालियर के एक हजार बिस्तर अस्पताल में बिजली कटौती ने मरीजों को भारी मुश्किल में डाला। सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक बिजली गुल रहने से ओपीडी, ऑपरेशन थिएटर और अन्य सेवाएं ठप हो गईं। आर्थोपेडिक विभाग में डॉक्टरों को टॉर्च की रोशनी में पसीना बहाते हुए सर्जरी करनी पड़ी, जबकि कई ऑपरेशन टालने पड़े।
ओपीडी में मरीजों को गर्मी में लंबा इंतजार करना पड़ा। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के चलते कंप्यूटरीकृत पर्ची व्यवस्था भी बंद रही, जिससे कई मरीज बिना इलाज लौट गए। तीन जनरेटर होने के बावजूद व्यवस्था नाकाम रही। एक जनरेटर खराब था, और दूसरे की क्षमता कम होने से केवल ओटी और आईसीयू को बिजली मिल सकी। तीसरा जनरेटर स्टैंडबाय पर था। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि 33 केवी लाइन पर लोक निर्माण विभाग के कार्य के कारण शटडाउन लिया गया था, लेकिन समय पर जनरेटर शुरू नहीं हो सका।
इधर, शहर में तेज हवा और बारिश ने बिजली व्यवस्था को और प्रभावित किया। डीडी नगर, महाराजपुरा और महलगांव में फाल्ट और पेड़ गिरने से 1-2 घंटे बिजली गुल रही। ट्रांसपोर्ट नगर में भी बिजली व्यवस्था चरमराई। बिजली कंपनी ने बारिश थमने के बाद आपूर्ति बहाल की, तब जाकर लोगों ने राहत की सांस ली।