1. शहर में बसों की एंट्री होगी बंद, कंपू-मानसिक आरोग्यशाला जैसे बस स्टॉपेज होंगे खत्म, जाम से मिलेगी मुक्ति
  2. अंधविश्वास का खौफनाक खेल: मसान छुड़ाने के नाम पर तांत्रिक ने 6 माह के मासूम को दी धूनी, जलीं आंखों की कॉर्निया
  3. ग्वालियर में सड़कों पर मस्तानों की टोली: गलियों में दिखा होली का हुड़दंग, 2500 जवान-अफसर तैनात
  4. गुना में अभ्युदय जैन हत्याकांड: पिता ने कहा – पत्नी निर्दोष, पुलिस ने फंसाया; केस बंद करने की साजिश का आरोप
  5. ग्वालियर में मकान विवाद पर हिंसा: फायरिंग और पथराव के बाद इलाके में तनाव, पुलिस तैनात
  6. ग्वालियर में होली पर कड़ी निगरानी: संदिग्धों की होगी सघन चेकिंग, ड्रोन से रखी जाएगी नजर
  7. ग्वालियर में जानलेवा हुई शहर की सड़कें: देहात से ज्यादा खतरनाक, 49 प्वाइंट पर सालभर में 298 हादसे
  8. Gwalior कि Cyber Cell ने 60 लाख 25 हज़ार के मोबाइल किये बरामद!
  9. कांग्रेस नेता पर गंभीर आरोप, महिला ने दी आत्महत्या की धमकी
  10. सरकार के कारण कर्जे में डूबते किसान ?
news-details

ग्वालियर: अंतरधर्म विवाह के लिए हाईकोर्ट पहुंचा प्रेमी जोड़ा, सुरक्षा देने के आदेश

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक हिंदू युवक और मुस्लिम युवती ने अपनी शादी और सुरक्षा की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

ग्वालियर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए विभिन्न कानूनी पहलुओं पर विचार किया और पुलिस को प्रेमी जोड़े को सुरक्षा देने का आदेश दिया।

क्या है मामला?

करैरा निवासी एक प्रेमी जोड़े ने अंतरधर्म विवाह करने की इच्छा जताई और संभावित खतरे के मद्देनजर सुरक्षा की मांग की। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पूछा कि यदि लड़का हिंदू है और लड़की मुस्लिम, तो क्या दोनों शादी कर सकते हैं?

संविधान का हवाला

मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनिल मिश्रा ने अदालत में दलील दी कि किसी भी व्यक्ति को धर्म के आधार पर विवाह करने से रोका नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को यह मौलिक अधिकार देता है कि वह अपनी पसंद से विवाह कर सकता है।

मुस्लिम ला की धारा 259 पर विमर्श

सुनवाई के दौरान मुस्लिम ला की धारा 259 पर भी चर्चा हुई। इसके तहत विवाह के विभिन्न प्रावधानों को समझने और न्यायसंगत निर्णय लेने पर विमर्श किया गया।

कोर्ट का फैसला

सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पुलिस को प्रेमी जोड़े को पर्याप्त सुरक्षा देने का आदेश दिया, जिससे वे बिना किसी भय के अपनी आगे की प्रक्रिया पूरी कर सकें।