मसान भगाने के नाम पर दी गई धूनी
मामला ग्वालियर के एक ग्रामीण इलाके का है, जहां एक दंपती अपने छह माह के बीमार बच्चे को लेकर एक तांत्रिक के पास पहुंचे। तांत्रिक ने दावा किया कि बच्चे पर ‘मसान’ का साया है और झाड़-फूंक से ही वह ठीक होगा। अंधविश्वास के जाल में फंसे माता-पिता ने तांत्रिक के कहने पर बच्चे को धूनी दिलवाई।
तांत्रिक ने आग जलाकर मासूम को धुएं के संपर्क में रखा, जिससे उसकी आंखों की कॉर्निया झुलस गईं। बच्चे के गाल पर भी जलने के निशान बन गए। धूनी की वजह से बच्चा तड़पता रहा, लेकिन तांत्रिक ने इसे ‘प्रक्रिया का हिस्सा’ बताया और परिवार को रोकने से मना कर दिया।
बच्चे की हालत गंभीर, अस्पताल में भर्ती
जब बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी और उसकी आंखों में जलन बढ़ गई, तो घबराए माता-पिता उसे अस्पताल लेकर पहुंचे। डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि उसकी कॉर्निया जल चुकी है और गाल पर गहरे घाव हैं। फिलहाल मासूम का इलाज जारी है, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि उसकी दृष्टि को लेकर खतरा बना हुआ है।
तांत्रिक के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज
बच्चे के साथ हुई इस अमानवीय घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तांत्रिक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। अधिकारियों ने बताया कि तांत्रिक फरार है और उसकी तलाश की जा रही है।
अंधविश्वास का शिकार हो रहे लोग
यह घटना समाज में फैले अंधविश्वास की खतरनाक सच्चाई को उजागर करती है। आज भी लोग विज्ञान और चिकित्सा की बजाय झाड़-फूंक पर विश्वास कर रहे हैं, जिससे मासूमों की जिंदगी खतरे में पड़ रही है।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि किसी भी बीमार बच्चे को झाड़-फूंक के चक्कर में न डालें और समय पर उसे डॉक्टर के पास ले जाएं। इस तरह के मामलों को रोकने के लिए पुलिस और स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियान चलाने पर भी विचार कर रहे हैं।