2024: हमारी संस्कृति और समाज के दिग्गजों को अंतिम सलाम
वर्ष 2024 भारत के लिए एक भावनात्मक और स्मरणीय वर्ष रहा, जब देश ने राजनीति, व्यापार, संगीत, कला और अन्य क्षेत्रों में अपनी कई महान हस्तियों को खो दिया। इन विभूतियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अतुलनीय योगदान दिया और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणादायक विरासत छोड़ी।
वर्ष 2024 भारत के लिए एक ऐसा साल रहा जब देश ने राजनीति, कला, मनोरंजन और व्यापार जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी कई प्रभावशाली हस्तियों को खो दिया। इन महान हस्तियों की विदाई ने अपने-अपने क्षेत्रों में एक बड़ी खाली जगह छोड़ दी। आइए इन विभूतियों के योगदान को याद करें और उनके जीवन की झलकियां देखें।
राजनीतिक दिग्गज: सीताराम येचुरी और नटवर सिंह
सीताराम येचुरी (12 अगस्त 1952 - 12 सितंबर 2024)
प्रसिद्ध मार्क्सवादी नेता और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद रहे और सीपीआई (एम) की पोलित ब्यूरो के सदस्य थे। उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक करियर में मजदूरों के अधिकार और आर्थिक समानता के लिए संघर्ष किया।
नटवर सिंह (16 मई 1931 - 10 अगस्त 2024)
पूर्व विदेश मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नटवर सिंह का 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। भारतीय विदेश सेवा (IFS) के अधिकारी रहे नटवर सिंह ने राजनीति में कदम रखने के बाद कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। 1984 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
व्यापार जगत के स्तंभ: रतन टाटा और शशि रुइया
रतन टाटा (28 दिसंबर 1937 - 9 अक्टूबर 2024)
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई और कोरस, टेटली, और जगुआर लैंड रोवर जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया। टाटा ने सामाजिक उत्तरदायित्व और व्यापारिक नैतिकता के क्षेत्र में नई मिसालें कायम कीं। उन्हें 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
शशि रुइया (1943 - 2024)
एस्सार समूह के सह-संस्थापक शशि रुइया का निधन 81 वर्ष की आयु में हुआ। उन्होंने ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में एस्सार समूह को अग्रणी बनाया। उनका अद्वितीय नेतृत्व और उद्यमशीलता भारत के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित हुए।
संगीत और कला: उस्ताद राशिद खान और पंकज उधास
उस्ताद राशिद खान (1 जुलाई 1968 - 9 जनवरी 2024)
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान गायक उस्ताद राशिद खान का 55 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। ख्याल और ठुमरी जैसे शास्त्रीय संगीत विधाओं में उनकी महारत ने उन्हें एक विशेष स्थान दिलाया। वह पद्म श्री, पद्म भूषण, और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के प्राप्तकर्ता थे।
पंकज उधास (17 मई 1951 - 26 फरवरी 2024)
प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक पंकज उधास का लंबी बीमारी के बाद 72 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। ‘चिट्ठी आई है’ जैसे लोकप्रिय गाने ने उन्हें घर-घर में प्रसिद्धि दिलाई। 2006 में, उन्हें संगीत में उनके अद्वितीय योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
अन्य महान हस्तियां
- रमोजी राव (16 नवंबर 1936 - 8 जून 2024): रमोजी फिल्म सिटी और ईटीवी न्यूज़ चैनल के संस्थापक, भारतीय मीडिया और मनोरंजन जगत के अग्रणी।
- रोहित बल (8 मई 1961 - 1 नवंबर 2024): भारतीय फैशन उद्योग के एक प्रमुख नाम, जिन्होंने पारंपरिक शिल्प और आधुनिक डिज़ाइन को जोड़ा।
- जाकिर हुसैन (9 मार्च 1951 - 15 दिसंबर 2024): तबला वादक और चार बार के ग्रैमी विजेता, जिन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को विश्व मंच पर नई ऊंचाई दी।
- मनमोहन सिंह (26 सितंबर 1932 - 26 दिसंबर 2024): भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और 1991 के आर्थिक सुधारों के जनक, जिन्होंने देश के आर्थिक परिदृश्य को बदल दिया।
एक युग की समाप्ति
2024 में इन महान हस्तियों की विदाई ने पूरे देश को गहरे शोक में डुबो दिया। लेकिन उनका योगदान और उनकी विरासत हमारे जीवन और देश के भविष्य को प्रेरित करती रहेगी। ये विभूतियां हमें याद दिलाती हैं कि समर्पण, संघर्ष और सेवा से हम समाज में बदलाव ला सकते हैं।