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मकर संक्रांति 2025: बदलें अपना भाग्य इस मकर संक्रांति करें इन चीजों का दान

मकर संक्रांति भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है, जो सूर्य देव की पूजा और नए फसल के आगमन का प्रतीक है। यह पर्व हर साल जनवरी में मनाया जाता है जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। मकर संक्रांति न केवल खगोलीय महत्व रखती है, बल्कि आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी इसे विशेष स्थान प्राप्त है।

दान और शुभ कर्मों का महत्व

मकर संक्रांति पर दान को अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन किए गए दान से न केवल शनिदेव और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि भाग्य में भी वृद्धि होती है।

  • खिचड़ी का दान: काली उड़द की दाल और चावल से बनी खिचड़ी का दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
  • गुड़ का दान: गुड़ का दान सूर्य देव को प्रसन्न करता है और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  • काले तिल का दान: तिल के दान और भगवान सूर्य को जल चढ़ाने से शनिदेव का आशीर्वाद मिलता है।
  • वस्त्रों का दान: ऊनी वस्त्रों का दान राहु-शनि दोषों को दूर करता है।
  • घी और कंबल का दान: घी और कंबल का दान देवी लक्ष्मी की कृपा के लिए शुभ माना जाता है।

त्योहार की परंपराएँ और उत्सव

मकर संक्रांति को पूरे देश में विभिन्न नामों और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है।

  • पतंग उड़ाना: आसमान में रंग-बिरंगी पतंगें उड़ाना उत्सव का एक अहम हिस्सा है।
  • पारंपरिक व्यंजन: तिलगुल, खिचड़ी, और पूरन पोली जैसे पकवान इस त्योहार की शोभा बढ़ाते हैं।
  • अलाव उत्सव: सर्दी को अलविदा कहने के लिए अलाव जलाकर सामूहिक उत्सव मनाया जाता है।
  • मंदिर दर्शन: सूर्य देव की विशेष पूजा और अर्घ्य अर्पित किया जाता है।

भारत के विभिन्न हिस्सों में मकर संक्रांति

  • लोहड़ी (पंजाब): अग्नि के चारों ओर गाना-बजाना और नृत्य करना इस पर्व का हिस्सा है।
  • पोंगल (तमिलनाडु): 4 दिन तक चलने वाला यह पर्व फसल, प्रकृति और मवेशियों के प्रति आभार व्यक्त करता है।
  • माघ बिहू (असम): सूर्य देव की पूजा और सामुदायिक उत्सव से इस त्योहार की पहचान है।
  • पेड्डा पंडुगा (आंध्र प्रदेश): यह फसल के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है।

मकर संक्रांति का आध्यात्मिक और स्वास्थ्य संबंधी पहलू

इस दिन स्नान और सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। तिल और गुड़ से बने व्यंजन जैसे लड्डू और खिचड़ी न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि शरीर को ऊर्जा और गर्माहट भी प्रदान करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, खिचड़ी मौसम में बदलाव के लिए शरीर को तैयार करती है। तिलगुल का सेवन नकारात्मकता को समाप्त कर सकारात्मकता बढ़ाने में सहायक है।

संक्रांति का संदेश

मकर संक्रांति हमें दान, परोपकार, और नई ऊर्जा के साथ जीवन जीने का संदेश देती है। यह त्योहार केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि समाज और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाने का अवसर है। इस मकर संक्रांति, अपनी परंपराओं को निभाते हुए दान करें, पतंग उड़ाएँ, और खुशियों का आनंद लें।