शाही अंदाज में अखाड़ों का स्नान
सुबह सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया। इसके बाद जूना अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा के संतों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। 13 अखाड़ों के संत कतारबद्ध होकर शाही स्नान में शामिल हुए।
संतों का भव्य आगमन:
🔹 हाथों में तलवार, गदा, डमरू और शंख लिए नागा संन्यासियों ने रथों और घोड़ों पर सवार होकर गंगा तट पर प्रवेश किया।
🔹 शरीर पर भभूत रमाए और हर-हर महादेव के जयघोष के साथ संत संगम पहुंचे।
🔹 श्रद्धालु नागा संन्यासियों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेते दिखे।
आस्था का महासंगम: 10 किमी तक उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
महाकुंभ के इस अमृत स्नान में 30 से अधिक देशों के श्रद्धालुओं ने भाग लिया। प्रयागराज जंक्शन से संगम तक जाने वाले रास्तों पर 10 किमी तक श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा रहा। लाखों लोग 8 से 10 किमी पैदल चलकर संगम पहुंचे।
हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
🌸 श्रद्धालुओं और संतों पर हेलिकॉप्टर से 20 क्विंटल फूलों की वर्षा की गई।
🚨 भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने लेटे हनुमान मंदिर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया और मेला क्षेत्र में सभी रास्तों को वन-वे कर दिया गया।
महाकुंभ 2025 का समापन, अगले स्नान का इंतजार
अमृत स्नान के साथ ही महाकुंभ 2025 का अंतिम प्रमुख स्नान संपन्न हो गया। संगम में उमड़ी आस्था की यह लहर अध्यात्म और सनातन संस्कृति की भव्यता को दर्शाती है। हर-हर गंगे! जय श्री महाकाल! 🚩🙏