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मणिपुर: शांति बहाली के प्रयास, कूकी उग्रवादियों के खिलाफ कड़ा रुख

मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें हरसंभव प्रयास कर रही हैं। हाल ही में मंत्रियों और विधायकों के आवासों पर हुए हमलों की कड़ी निंदा की गई है।

कूकी उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव

जिरीबाम में सात दिनों के भीतर तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव मिलने की घटनाओं के बाद, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के 25 विधायकों ने सोमवार रात बैठक की। इसमें कूकी उग्रवादियों के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करने का प्रस्ताव पारित किया गया। साथ ही, इस मामले को तुरंत केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने का निर्णय लिया गया।

बयान में प्रमुख निर्णय

बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया:

  1. तीन महिलाओं और तीन मासूम बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कूकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जाएगा।
  2. कूकी उग्रवादियों को गैरकानूनी संगठन घोषित करने की सिफारिश की गई है।
  3. केंद्र सरकार के 14 नवंबर के आदेश के अनुसार, अफ्स्पा (AFSPA) लागू करने की तत्काल समीक्षा की जाएगी।

आगामी कदम

यदि इन आदेशों को निर्धारित अवधि के भीतर लागू नहीं किया जाता, तो सभी एनडीए विधायक मणिपुर के लोगों से परामर्श कर भविष्य की कार्रवाई तय करेंगे।

उच्चाधिकार प्राप्त समिति की भूमिका

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि शांति सुनिश्चित करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति के निष्कर्षों के आधार पर उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।