झांसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड की जांच के लिए लखनऊ से आई चार सदस्यीय टीम ने करीब 75 मिनट तक घटनास्थल का निरीक्षण किया और साढ़े पांच घंटे तक स्टाफ, डॉक्टरों और परिजनों से पूछताछ की। हादसे में बचाए गए एक और नवजात की मौत हो गई है, जिससे मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 12 हो गई। गंभीर हालत में तीन बच्चों का इलाज अभी भी चल रहा है।
हादसे की वजह
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक डॉ. किंजल सिंह की अध्यक्षता वाली टीम ने हादसे की वजह शॉर्ट सर्किट बताई है। उनके अनुसार, पहले एक्सटेंशन कॉर्ड में आग लगी, जिसने पास के वेंटिलेटर को अपनी चपेट में ले लिया और यह भीषण अग्निकांड हुआ।
टीम की कार्रवाई
टीम में शामिल चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. किंजल सिंह, अग्निशमन विभाग के अपर निदेशक अरुण कुमार, निदेशक उपचार डॉ. भानु प्रताप सिंह कल्याणी और एडी बिजली रवि कुमार ने सोमवार सुबह 11 बजे मेडिकल कॉलेज पहुंचकर एसएनसीयू (सिक न्यूबॉर्न केयर यूनिट) और वार्ड नंबर 5 का निरीक्षण किया। उन्होंने भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य का जायजा लिया और हादसे की विस्तृत जानकारी ली।
प्रभावित परिवार
इस घटना में जालौन जिले के ग्राम पीपरी अटकइयां निवासी मुस्कान और विशाल के बच्चे की मौत भी हुई है। टीम आज भी मामले की जांच जारी रखेगी।