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ग्वालियर समाचार 25नवंबर की ताजा खबर

मुरार जिला अस्पताल में प्रसूता की मौत: लापरवाही और आपसी खींचतान का खुलासा | ग्वालियर में शराबखोरी पर पुलिस की सख्ती, कारों से काली फिल्म भी हटाई | निजी कंपनियों की चुनौती से जूझ रही सांची | किलागेट स्कूल में घटिया मध्यान्ह भोजन पर जांच शुरू

किलागेट स्कूल में घटिया मध्यान्ह भोजन: एसडीएम ने शुरू की जांच

ग्वालियर के किलागेट सरकारी स्कूल में खराब मध्यान्ह भोजन मिलने की शिकायत पर एसडीएम ने जांच कराई। भाजपा पार्षद दिनेश सिकरवार ने निरीक्षण के दौरान भोजन की खराब गुणवत्ता का मुद्दा उठाया था। एसडीएम की टीम ने जांच कर रिपोर्ट तैयार की है, जो सोमवार को सौंप दी जाएगी।

ग्वालियर में मध्यान्ह भोजन की आपूर्ति दो सेंट्रल किचनों से होती है—शिवपुरी लिंक रोड पर वर्णिता और पुरानी छावनी में सुशीला देवी संस्था। खराब भोजन के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन अभी तक जिम्मेदार संस्थाओं पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है।

निजी कंपनियों की चुनौती से ग्वालियर-चंबल में सांची संकट में

ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कभी दूध पैकिंग में एकछत्र राज रखने वाली सांची अब मुश्किल हालात का सामना कर रही है। निजी कंपनियां पशुपालकों से अधिक दाम पर दूध खरीद रही हैं, जिससे सांची का दूध संग्रह घटकर 60-70 हजार लीटर से अब सिर्फ 8 हजार लीटर रह गया है।

ग्वालियर सहकारी दुग्ध संघ का यह ब्रांड 1980 से सक्रिय है, लेकिन क्षेत्र में खुले 49 नए चिलर प्लांट ने इसकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। घटते कलेक्शन के कारण सांची घाटे में चल रही है।

ग्वालियर में पुलिस का रातभर अभियान, शराबखोरी करने वालों पर शिकंजा

ग्वालियर पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने और नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया। यह अभियान शाम 7 बजे से रात 11 बजे तक चला, जिसमें शहर के विभिन्न इलाकों में कार्रवाई की गई।

पुलिस ने 30 कार चालकों को पकड़ा, जो गाड़ियों में शराब पीते पाए गए। इन वाहनों के शीशों पर लगी काली फिल्म भी हटा दी गई। अभियान के दौरान सभी सीएसपी और थाना प्रभारी सड़कों पर सक्रिय नजर आए।

शहर में अंधेरा होते ही सड़कों पर शराबखोरी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह कार्रवाई की गई, जिसमें पुलिस ने सख्त रुख अपनाते हुए इन नियम तोड़ने वालों पर शिकंजा कसा।

मुरार जिला अस्पताल में प्रसूता की मौत: लापरवाही और आपसी खींचतान का खुलासा

मुरार जिला अस्पताल में प्रसूता प्रीति गोयल की मौत के मामले में जांच टीम ने साढ़े चार घंटे तक डॉक्टरों और स्टाफ के बयान दर्ज किए। जांच में सामने आया कि ऑपरेशन के बाद प्रीति की हालत पर ध्यान नहीं दिया गया। वह हाई बीपी से जूझ रही थी, लेकिन डॉक्टरों ने स्टाफ नर्स की बार-बार की गई अपील के बावजूद उनकी देखभाल नहीं की।

प्रीति की स्थिति गंभीर होने के बावजूद उसे उच्चस्तरीय अस्पताल में रेफर नहीं किया गया, जो इलाज में बड़ी लापरवाही को दर्शाता है। इसके साथ ही, प्रसूति गृह में महिला डॉक्टरों के बीच आपसी प्रतिद्वंद्विता भी सामने आई, जो मरीजों के मामलों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है।

रविवार को एसडीएम अशोक सिंह चौहान और उनकी जांच टीम ने सिविल सर्जन अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ समेत 10 लोगों के बयान दर्ज किए। यह बयान प्रसूति गृह में चल रही खामियों को उजागर करते हैं। मंगलवार को एसडीएम अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपेंगे।

बुजुर्ग को शिवजी की, मंदिर पर पूजा करने से रोका, कट्टा अड़ाकर धमकाया। चीनौर थानांतर्गत छीमक गांव का मामला

छीमक गांव में शिवजी के मंदिर पर पूजा करने से रोकने का मामला सामने आया है। आरोप है कि कुछ लोगों ने दादा को कट्टा अड़ाकर धमकाया और उन्हें पूजा करने से मना कर दिया। यह घटना चीनौर थानांतर्गत हुई, जिसने गांव के लोगों में भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है।

देवरा-भानगढ़ मार्ग पर सड़क दुर्घटना: लोडिंग वाहन की टक्कर से भाई की जान गई

देवरा और भानगढ़ के बीच एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें बाइक सवार भाई-बहन दुर्घटना का शिकार हो गए। इस हादसे में भाई की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बहन गंभीर रूप से घायल हो गई। दोनों जोरासी गांव के निवासी थे और बाइक पर सवार होकर जा रहे थे, तभी एक लोडिंग वाहन ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों को भितरवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।

निगम मुख्यालय में हंगामा: नसबंदी के बाद कुत्तों की मौत से पशु प्रेमी आक्रोशित

नगर निगम मुख्यालय में पशु प्रेमियों ने जोरदार प्रदर्शन किया, जिससे माहौल गर्मा गया। यह हंगामा उन घटनाओं के बाद हुआ, जिनमें चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा नसबंदी किए जाने के बाद कई कुत्तों (डॉगी) की मौत हो गई। इस घटना से आहत होकर करीब एक दर्जन पशु प्रेमी निगम मुख्यालय पहुंचे और अपनी नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शनकारियों ने इस मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, जिससे प्रशासन के लिए स्थिति को संभालना चुनौतीपूर्ण हो गया।