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ग्वालियर: कलेक्टर की शह पर फल-फूल रहे रेत माफिया? प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में रेत माफियाओं का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, और प्रशासन की निष्क्रियता इसे और भी बल प्रदान कर रही है। ग्वालियर में आसपास के जिलों से अवैध रूप से लाई जा रही रेत का कारोबार बेखौफ चल रहा है, लेकिन कलेक्टर और संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है।

प्रशासन की नाकामी या मिलीभगत?

सूत्रों की मानें तो दतिया, भिंड, मुरैना जैसे जिलों के कुख्यात अपराधी ग्वालियर में प्रशासन की आंखों के सामने खुलेआम रेत का अवैध कारोबार कर रहे हैं। आरोप है कि स्थानीय प्रशासन कार्यवाही करने के बजाय रेत माफियाओं से सांठगांठ कर सरकार को राजस्व की हानि पहुंचाने में लगा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, ग्वालियर जिले के एक बड़े अधिकारी और रेत माफियाओं के बीच गहरी मिलीभगत है, जिससे ये माफिया धड़ल्ले से अपना गैरकानूनी धंधा चला रहे हैं।

बेहट थाना क्षेत्र बना अवैध रेत परिवहन का केंद्र

ग्वालियर जिले के बेहट थाना क्षेत्र में प्रतिबंधित वन भूमि का उपयोग अवैध रेत परिवहन के लिए किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, प्रतिदिन 200 से 250 अवैध रेत से भरे ओवरलोड ट्रक इस क्षेत्र से बिना किसी रोक-टोक के गुजरते हैं। आरोप है कि प्रति ट्रक 2000 रुपये की रिश्वत स्थानीय थाना प्रभारी को दी जाती है, जिसके बदले इन वाहनों को निर्बाध रूप से गुजरने की अनुमति दी जाती है।

रेत माफियाओं के हौसले बुलंद, प्रशासन बेबस?

प्रदेश में रेत माफियाओं की कारगुजारियां दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं। हाल ही में भिंड जिले में कलेक्टर द्वारा अवैध रेत परिवहन पर की गई कार्रवाई के दौरान उन पर पत्थरबाजी और फायरिंग की घटना सामने आई थी। यह घटना इस बात का प्रमाण है कि रेत माफिया अब इतने बेखौफ हो गए हैं कि वे प्रशासन के खिलाफ हिंसक घटनाओं को अंजाम देने से भी पीछे नहीं हट रहे।

राजनीतिक संरक्षण और सौदेबाजी का खेल

रेत माफियाओं के बढ़ते प्रभाव के पीछे राजनैतिक संरक्षण और प्रशासनिक अधिकारियों की सांठगांठ एक बड़ी वजह मानी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, जिन विभागों को अवैध रेत खनन और परिवहन रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, वही अधिकारी रेत माफियाओं से सौदेबाजी कर उन्हें संरक्षण प्रदान कर रहे हैं। नतीजतन, शासन को भारी राजस्व हानि उठानी पड़ रही है और अवैध कारोबारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।

सरकार और प्रशासन कब लेगा एक्शन?

ग्वालियर और उसके आसपास के इलाकों में रेत माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जरूरत है। यदि प्रशासन और सरकार इस गंभीर समस्या पर तुरंत ध्यान नहीं देते हैं, तो आने वाले समय में यह स्थिति और भी भयावह हो सकती है। सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन अपनी निष्क्रियता को त्यागकर सख्त कदम उठाएगा, या फिर रेत माफियाओं के आगे यूं ही घुटने टेकता रहेगा?