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शासन के आदेश बेअसर: शाम की ओपीडी में अव्यवस्थाओं का अंबार, कई अस्पतालों में डॉक्टर नदारद

ग्वालियर प्रदेश सरकार के निर्देश हैं कि जिला और शहरी अस्पतालों में शाम की ओपीडी सुबह की तरह ही सुचारू रूप से संचालित होनी चाहिए, ताकि लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें। लेकिन ग्वालियर के कई प्रमुख अस्पतालों में इस आदेश की अनदेखी हो रही है। गुरुवार को भास्कर रिपोर्टर द्वारा की गई ग्राउंड रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए

ग्वालियरप्रदेश सरकार के निर्देश हैं कि जिला और शहरी अस्पतालों में शाम की ओपीडी सुबह की तरह ही सुचारू रूप से संचालित होनी चाहिए, ताकि लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें। लेकिन ग्वालियर के कई प्रमुख अस्पतालों में इस आदेश की अनदेखी हो रही है। गुरुवार को भास्कर रिपोर्टर द्वारा की गई ग्राउंड रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

डीडी नगर अस्पताल: डॉक्टर नदारद, मरीज बेहाल

दीनदयाल नगर अस्पताल में शाम की ओपीडी के दौरान अधिकांश डॉक्टर अनुपस्थित मिले। मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा, लेकिन डॉक्टरों के न आने से उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।

मरीज सरिता देवी, जो अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए आई थीं, ने कहा, "सुबह से डॉक्टरों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन यहां कोई मौजूद नहीं है। हमें निजी क्लिनिक का रुख करना पड़ेगा।"

जिला अस्पताल मुरार: आधे कमरों में ताले

जिला अस्पताल मुरार की स्थिति भी दयनीय पाई गई। यहां शाम की ओपीडी के लिए बनाए गए आधे कमरों पर ताले लगे थे। मौजूद डॉक्टर मरीजों की संख्या के मुकाबले काफी कम थे, जिससे मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा।

एक मरीज रामलाल ने कहा, "इतना बड़ा अस्पताल है, लेकिन शाम की ओपीडी में डॉक्टर नहीं मिलते। हमें हर बार सुबह आना पड़ता है।"

बिरला नगर प्रसूति गृह: मरीजों को निराशा

बिरला नगर प्रसूति गृह में भी स्थिति गंभीर पाई गई। कई महिलाएं अपने प्रसव से संबंधित जांच के लिए आईं, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।

शासन के आदेशों की अनदेखी

शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शाम की ओपीडी सुबह की तरह ही सुचारू रूप से चलाई जाए, ताकि कामकाजी लोगों और अन्य मरीजों को समय पर इलाज मिल सके। लेकिन ग्वालियर के अस्पतालों में इन निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है।

प्रशासन की कार्रवाई क्या होगी?

इन अव्यवस्थाओं पर जब अधिकारियों से सवाल किया गया, तो उन्होंने स्थिति में सुधार के आश्वासन दिए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ने कहा, "हम रिपोर्ट की जांच कर रहे हैं। डॉक्टरों की अनुपस्थिति और ओपीडी की समस्याओं को जल्द सुलझाया जाएगा। अस्पतालों को निर्देशित किया जाएगा कि शाम की ओपीडी में पर्याप्त डॉक्टर और स्टाफ मौजूद रहें।"

निजी क्लीनिक की ओर बढ़ते मरीज

सरकारी अस्पतालों की लचर व्यवस्था के कारण मरीजों को मजबूरन महंगे निजी क्लीनिक का सहारा लेना पड़ रहा है। यह स्थिति न केवल शासन के आदेशों की अवहेलना है, बल्कि जनता की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी सवाल खड़े करती है।

जरूरी है कि प्रशासन इन अव्यवस्थाओं को जल्द से जल्द दूर करे और अस्पतालों में शाम की ओपीडी को बेहतर बनाए, ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके।