BSF भर्ती घोटाला: फर्जी दस्तावेजों और बायोमेट्रिक से भर्ती, 9 आरोपी गिरफ्तार
BSF भर्ती घोटाला फर्जी दस्तावेजों और बायोमेट्रिक से भर्ती
BSF भर्ती घोटाला: फर्जी दस्तावेजों और बायोमेट्रिक से भर्ती, 9 आरोपी गिरफ्तार
डबरा। टेकनपुर (ग्वालियर)। सीमा सुरक्षा बल (BSF) में भर्ती घोटाले का बड़ा खुलासा हुआ है। फर्जी दस्तावेज और बायोमेट्रिक हेरफेर के जरिए नौ युवकों ने BSF में भर्ती हासिल कर ली थी। जब मामला उजागर हुआ, तो टेकनपुर BSF परिसर में हड़कंप मच गया। पुलिस जांच में पता चला कि आरोपियों ने एजेंटों और दलालों की मदद से अपनी पहचान छुपाकर भर्ती हासिल की थी। इस बड़े फर्जीवाड़े में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
भर्ती घोटाले का पूरा खेल
जानकारी के अनुसार, BSF सहायक प्रशिक्षण केंद्र टेकनपुर में 21 जनवरी से 25 जनवरी 2025 तक भर्ती प्रक्रिया चली। इस दौरान ब्रहमपाल सिंह पुत्र गुलाब सिंह निवासी टेकनपुर सहित कुल 9 लोग फर्जी दस्तावेजों और बायोमेट्रिक की हेराफेरी कर भर्ती हुए। इन सभी ने एजेंटों और दलालों के साथ मिलकर कूटरचित प्रमाण पत्र और फर्जी पहचान पत्र तैयार किए, ताकि वे भर्ती प्रक्रिया में सफल हो सकें।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी पहचान
पुलिस ने इस मामले में 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम और पते इस प्रकार हैं:
1. पवन गुर्जर पुत्र महेंद्र सिंह, ग्राम रूपपुर, फतेहाबाद, आगरा (उत्तर प्रदेश)
2. संदीप कुमार पुत्र भूपेंद्र, ग्राम मजीपुर, तहसील इगलास, जिला अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)
3. संदीप पुत्र शिंधी सिंह, ग्राम सांवलियापुरा, तहसील राजाखेड़ा, जिला धौलपुर (राजस्थान)
4. दलवीर सिंह पुत्र धर्मवीर सिंह, ग्राम कचपुरा, हिमायूपुर, फतेहाबाद, आगरा (उत्तर प्रदेश)
5. रामदास पुत्र प्रताप सिंह, ग्राम भानपुर, तहसील मुरैना, जिला मुरैना (मध्य प्रदेश)
6. अजय राजावत पुत्र सुघर सिंह, वार्ड क्रमांक 26, गणेशपुरा, मुरैना (मध्य प्रदेश)
7. आकाश पुत्र राजेंद्र सिंह, बालाजी मंदिर के पास, FS मेडिकल कॉलेज रोड, शिकोहाबाद, जिला फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश।
8. अनिल कुमार पुत्र पूरन सिंह, माता का पुरा, तहसील अंबाह, जिला मुरैना (मध्य प्रदेश)
9. छोटू गुर्जर पुत्र जयवीर, नथौली, तहसील राजाखेड़ा, जिला धौलपुर (राजस्थान)
पुलिस जांच में बड़े खुलासे
इस पूरे मामले की जांच उनि (उपनिरीक्षक) राजवीर सिंह यादव कर रहे हैं। जांच में सामने आया कि सभी आरोपी फर्जी बायोमेट्रिक डेटा और दस्तावेजों का इस्तेमाल कर भर्ती में शामिल हुए थे। इसके लिए उन्होंने एजेंटों और दलालों की मदद ली, जिन्होंने उन्हें फर्जी पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, और अन्य भर्ती दस्तावेज उपलब्ध कराए।
कई धाराओं में केस दर्ज, पुलिस एजेंटों की तलाश में
इस गंभीर मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 319(2), 318(4), 61(2), 336(2), 338, 336(3), 340(2) BNS जैसी सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। अब पुलिस उन एजेंटों और दलालों की भी तलाश कर रही है, जिन्होंने इन फर्जीवाड़ों में इनकी मदद की थी।
BSF अधिकारियों में हड़कंप, हो सकती है सख्त कार्रवाई
BSF जैसी सुरक्षा एजेंसी में इस तरह का भर्ती घोटाला सामने आना बेहद गंभीर मामला है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी और भविष्य में ऐसी धोखाधड़ी न हो, इसके लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
निष्कर्ष
इस भर्ती घोटाले ने सुरक्षा एजेंसियों में व्याप्त भ्रष्टाचार और फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी पाने की कोशिशों को उजागर किया है। अब देखना होगा कि इस मामले में शामिल दलालों और एजेंटों तक पुलिस कब पहुंचती है और BSF प्रशासन इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए क्या कदम उठाता है।