ताजा खबर
  1. समन नजरअंदाज क्यों किए, जमानत के लिए आवेदन क्यों SC ने केजरीवाल के वकील से किये तीखे सवाल
  2. ग्वालियर न्यूज- ग्वालियर में फेसबुक पर दोस्ती प्यार फिर मुलाकात और दुष्कर्म का मामला सामने आया है।
  3. ग्वालियर न्यूज- हनीट्रैप में फंसाकर रुपये लूटने वाली गैंग का हुआ पर्दाफाश |
  4. ससुराल वालों ने दहेज के लिए विवाहिता को छत से धक्का देकर मौत के घाट उतारा |
  5. शुक्रवार को हुए हादसे में श्रवण कुमार की मौत के बाद, लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षण विश्वविद्यालय के सामने किया चक्काजाम
  6. लव जिहाद का मामला आया सामने युवती का कहना है शारीरिक शोषण के साथ गौ मास खिलाता था युवती को
  7. ग्वालियर न्यूज- मतदाता प्रतिशत बड़ाने के उद्देश से चुनावी राहगीरी मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कटोराताल पर
  8. भिंड न्यूज भिंड में फलदान समान में चली गोली से युवती हुई गायल युवती को ग्वालियर किया रेफर
  9. डबरा ब्रेकिंग - पुरानी रंजिश के चलते दबंगों ने एक युवक की बेरहमी से की मारपीट संग
  10. भाजपा और काँग्रेस के कार्यकाल का अवलोकन कर मतदान करे-अम्बरीष शर्मा
news-details
Business

CAA नागरिकता संशोधन कानून ACT KYA HAI

कल शाम को भारत सरकार ने CAA नागरिक संशोधन कानून को लागु कर दिया है जो लोकसभा और राज्सभा में 11सितम्बर 2019 पारित हो चूका है इसने अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भारतीय नागरिकता को सरल तरह और जल्द पूरा करने के लिया1955 नागरिकता कानून में संशोधन किया गया है । ये कानून पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में' रहे रे प्रताड़ित अल्पसंख्यक जैसा हिन्दू,जैन,सिख्स पारसी बौद्ध और क्रिस्टियन को नागरिकता प्रदान करने की प्रक्रिया को सरल बनाता है इसमें मुसलमानो को नागरिकता नहीं दी जाय गी क्यों की वो लोग इन देशो में बहुसंखक है इस प्रतिक्रिया में श्रीलंका से आए हिन्दू और तमिल लोगो को नागरितका नहीं मिलेगी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जो भारत सरकार का नेतृत्व करती है, ने पिछले चुनाव घोषणापत्रों में पड़ोसी देशों से पलायन करने वाले सताए हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों के सदस्यों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का वादा किया था। 2019 संशोधन के तहत, जो प्रवासी 31 दिसंबर 2014 तक भारत में प्रवेश कर चुके थे, और अपने मूल देश में "धार्मिक उत्पीड़न या धार्मिक उत्पीड़न के डर" का सामना कर चुके थे, उन्हें प्राथमिकता देने के लिया नागरिकता कानून बनाया गया था। संशोधन ने इन प्रवासियों के देशीयकरण के लिए निवास की आवश्यकता को बारह साल से घटाकर छह साल कर दिया। इंटेलिजेंस ब्यूरो के रिकॉर्ड के अनुसार, इस अधिनियम के तत्काल लाभार्थी 30,000 से अधिक होंगे।