मध्य प्रदेश के निवासी 17 नवंबर को अपने विधायकों को चुनने के लिए मतदान केंद्रों की ओर रुख करेंगे, जहां 230 सीटों पर 2,533 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा। मतदान प्रक्रिया के सुगम संचालन के लिए, मतदान दलों को आवश्यक सामग्री के साथ रवाना किया गया है और साथ ही सरकारी कर्मचारियों को ‘वेलकम किट’ भी प्रदान की गई है। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने इस पहल का उद्देश्य कर्मचारियों को सम्मान और सहयोग प्रदान करना बताया है।
चुनाव प्रचार के समापन के साथ, पुलिस प्रशासन ने चुनावी सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। ग्वालियर एसपी राजेश सिंह चंदेल ने सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया है और जनता से शांतिपूर्ण मतदान का आह्वान किया है। नाकेबंदी और विशेष नजर रखने जैसे उपायों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मतदान प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के संपन्न हो।

इन सभी उपायों के साथ, मध्य प्रदेश के चुनाव एक नए सिरे से व्यवस्थित और सुरक्षित तरीके से संपन्न होने की दिशा में अग्रसर हैं। जहां एक तरफ इन प्रयासों से कर्मचारियों को मतदान केंद्र तक पहुँचने में सुविधा होगी, वहीं दूसरी तरफ जनता को भी सुरक्षित और शांतिपूर्ण वातावरण में मतदान करने का मौका मिलेगा।
इस चुनावी मौसम में, मतदान की प्रक्रिया को सुचारु रूप से चलाने हेतु तकनीकी उपकरणों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। लगभग 42,000 मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग सुविधा प्रदान की गई है, जिससे मतदान की लाइव मॉनिटरिंग संभव हो सकेगी। इसके अलावा, संवेदनशील क्षेत्रों में मतदान समय में भिन्नता रखी गई है, जैसे कि बालाघाट जिले की बैहर, लांजी और परसवाड़ा विधानसभा सीटों पर और मंडला तथा डिंडोरी जिलों के कुछ बूथों पर मतदान दोपहर 3 बजे तक ही किया जाएगा। इन प्रयासों से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि मतदान पारदर्शी और निष्पक्ष बना रहे, जिससे प्रत्येक नागरिक बिना किसी डर या पक्षपात के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
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