ग्वालियर में बड़े नेताओं के इस्तीफे और उनके प्रशासनिक खुलासे ने बढ़ाई राजनीति की चुनौतियाँ। क्या होगा अगला कदम? जानिए यहाँ.
ग्वालियर: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा पर तीखे आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ लोग देश के संविधान के खिलाफ विपक्ष कर रहे हैं और उन्होंने भाजपा के नेताओं को पांच पांडवों की तरह काम करने वाले लोगों की तुलना की।
खड़गे ने यह भी कहा कि अगर देश के संविधान को बचाना है, तो कांग्रेस को फिर से सत्ता में आना होगा और विभाजन को बदलने की आवश्यकता है।
उसके बाद, भाजपा के सदस्य मदन कुशवाहा ने भी भाजपा के पदों से इस्तीफा दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने ग्वालियर ग्रामीण से चुनावी टिकट की मांग की थी, लेकिन उनके नाराजगी के चलते वे भाजपा से इस्तीफा दे दिया।
मदन कुशवाहा ने बताया कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है और उन्होंने खड़गे की आलोचना का भाग नहीं बनना चाहते थे।
इसके बाद, डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा देने वाली प्रशासनिक अधिकारी निशा बांगरे ने भी भारतीय जनता पार्टी पर आलोचना की। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रशासनिक अधिकारियों से बदतमीजी से बात करते हैं और इससे कई प्रशासनिक अधिकारी परेशान हैं, लेकिन वे बोल नहीं पा रहे हैं।
बांगरे ने कहा कि कलेक्टर बनने के लिए माता-पिता अपना पेट काटते हैं और कई छात्र पढ़ते लिखते हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता उनके साथ सही तरीके से नहीं व्यवहार करते हैं।
इसके साथ ही, वे राजनीति में सुधार की मांग कर रही हैं और प्रशासन में बेहतरी की आवश्यकता है।